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ECLGS : आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना का दायरा बढ़ सकता है

ECLGS को मई, 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा MSMEs द्वारा तरलता तनाव से लड़ने में मदद करने के लिए घोषित किये गये आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) पैकेज के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था।

ECLGS : आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की समय सीमा बढ़ाये जाने के बाद अब इसका दायरा बढ़ाये जाने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) की समय-सीमा को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। सरकार अब इसके दायरे में अधिक व्यवसायों और पेशेवरों को शामिल करने की योजना बना रही है, क्योंकि योजना 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा करने में संघर्ष कर रही है। 

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी (ECLGS) को MSMEs द्वारा नगदी के तनाव से लड़ने में मदद करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित किए गए Aatmanirbhar Bharat पैकेज के एक हिस्से के रूप में लॉञ्च किया गया था।

फंड 3 लाख करोड़ का, पर बंटे 1.48 लाख करोड़  

इस योजना में तीन लाख करोड़ रुपये की धनराशि है, लेकिन सरकार द्वारा प्रोत्साहन के बावजूद, अब तक केवल 1.48 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जा सका है। 

बढ़ सकती है ECLGS में बकाया ऋणों के लिए ऊपरी सीमा 

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “हमें व्यवसायों और बैंकों-दोनों से प्रतिक्रिया मिली है। हम बकाया ऋणों के लिए ऊपरी सीमा बढ़ाने और और इसके दायरे में अधिक क्षेत्रों शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। जरूरी होने पर समय-सीमा को और भी बढ़ाया जा सकता है।”

ECLGS में बैंक देते हैं गारंटीशुदा ऋण 

इस योजना के तहत, बैंक पूरी तरह से गारंटीशुदा और बंधक रखे बगैर MSMEs, व्यवसाय उद्यमों, व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए व्यक्तिगत ऋण, और MUDRA उधारकर्ताओं को 29 फरवरी, 2020 को उन पर बकाया राशि के 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त ऋण प्रदान करते हैं।

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तय है ब्याज की अधिकतम सीमा 

योजना के तहत लिये गये ऋण के लिए ब्याज दर की अधिकतम सीमा तय की गयी है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों (एफआई) के मामले में यह सीमा 9.25 प्रतिशत है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अधिकतम 14 प्रतिशत ब्याज ले सकती हैं। 

चार वर्ष में चुकाया जा सकता है ECLGS का कर्ज

योजना के तहत प्रदान किया गया ऋण चार वर्ष के लिए है, जिसमें मूलधन चुकौती पर एक वर्ष की मोहलत भी शामिल है। 

60.67 लाख उद्यमियों के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये मंजूर

वित्त मंत्रालय द्वारा मुहैया कराये गये आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 60.67 लाख उद्यमियों को 2.03 लाख करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, जिसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपये का वितरण भी किया जा चुका है।

क्या है ECLGS योजना? 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने 20 मई 2020 को आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की शुरुआत कर तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग को मंज़ूरी दी।

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इसके तहत राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य ऋणदात्री संस्थाओं को 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान की जायेगी। इस योजना में इच्छुक मुद्रा कर्जदारों सहित योग्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कर्जदारों को गारंटी युक्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) सुविधा प्रदान की जायेगी। 

ECLGS में 4 वर्षों के लिए दिया जायेगा ऋण 

इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार द्वारा मौजूदा और अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिए 41,600 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कैबिनेट ने यह भी मंज़ूरी दी कि यह योजना जीईसीएल सुविधा के तहत इस योजना की घोषणा की तारीख से लेकर 31.10.2020 की अवधि में स्वीकृत सभी कर्जों या जीईसीएल के तहत 3,00,000 करोड़ रुपये तक की कर्ज राशि की स्वीकृति, इनमें से जो पहले हो, पर लागू होगी।

ECLGS की जरूरत क्यों पड़ी?

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) को कोविड-19 और इसके बाद लॉकडाउन की वजह से बनी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के एक निर्दिष्ट उपाय के रूप में बनाया गया है। कोविड-19 से एमएसएमई सेक्टर में विनिर्माण और अन्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक परेशानी झेल रही एमएसएमई को पूरी गारंटी युक्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन के रूप में तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग उपलब्ध कराते हुए उन्हें राहत दिलाना है। 

ऋणदात्री संस्थाओं के पास नहीं रहेगी फंड की कमी 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य सदस्य ऋणदात्री संस्थाओं यानी बैंकों, वित्तीय संस्थानों (एफआई), और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को कोविड-19 संकट की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों को देने के लिए उनके पास अतिरिक्त फंड की उपलब्धता बढ़ाना है। उन्हें कर्जदारों द्वारा ऋण भुगतान न करने पर होने वाले किसी नुकसान के लिए 100 फीसदी गारंटी दी गयी है। 

ECLGS की प्रमुख विशेषताएं 

ECLGS का अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव 

अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में एमएसएमई की अहम भूमिका को देखते हुए, प्रस्तावित योजना से एमएसएमई सेक्टर को सदस्य ऋणदाता संस्थानों के जरिये कम ब्याज दर पर 3 लाख करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त ऋण मुहैया कराने से काफी राहत मिलेगी और इस तरह एमएसएमई को अपनी संचालन उत्तरदायित्वों को पूरा करने और व्यापार को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी।

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मौजूदा अप्रत्याशित माहौल में अपना कामकाज जारी रखने में योजना के तहत एमएसएमई को मदद देने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा और इसे पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।

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