आपकी बेटी, पढ़ाई का खर्च उठायेगी उत्तर प्रदेश सरकार
बेटी के नाबालिग होने पर मां के खाते में जायेगी कन्या सुमंगला योजना की राशि
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू, ऐसे उठायें लाभ शीर्षक आलेख में हमने आपको बताया था कि इस योजना का लाभ बच्ची के जन्म से लेकर स्नातक स्तर की शिक्षा ग्रहण करने तक छह श्रेणियों में मिलेगा। इस आलेख में स्पष्ट उल्लेख के बावजूद कई पाठकों ने पूछा कि क्या कन्या सुमंगला योजना का लाभ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए भी मिलेगा? उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी सूचनाओं के हवाले से आज हम जो बताने जा रहे हैं, वह दो वर्ष या इससे अधिक अवधि वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की छात्राओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना क्यों?
हम आगे बढ़ें, इससे पहले आपको यह जानना ही चाहिए कि उत्तर प्रदेश सरकार को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू करने की जरूरत क्यों पड़ी? इसको इस तरह समझ सकते हैं। भारत का सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और संवेदी है। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक माहौल महिलाओं और बालिकाओं के लिए हमेशा से भेदभावपूर्ण रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों एवं भेद-भाव, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्राय: बालिकाओं/महिलाओं को जीवन, संरक्षण, स्वास्थ एवं शिक्षा के मूल अधिकार नहीं मिल पाते।
इस विषमता को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह रोकना, बालिका स्वास्थ्य एवं शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने में मदद तथा बेटियों के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना है।
कन्या सुमंगला योजना का लाभ क्या डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए भी मिलेगा?
इसका जवाब है ‘हां’। दो वर्ष या इससे अधिक अवधि वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने वाली छात्राओं को भी कन्या सुमंगला योजना का लाभ मिलेगा। इस निर्णय का सीधा लाभ पॉलीटेक्निक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को होगा।
छह श्रेणियों में 15 हजार रुपये तक की मदद
उत्तर प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना के तहत 10वीं, 12वीं और स्नातक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 15 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है। 12वीं के बाद डिप्लोमा में दाखिला लेने वाली छात्राएं भी पात्र हैं, लेकिन 10वीं बाद डिप्लोमा कोर्सेज की पढ़ाई करने वाली छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित थीं। इस शर्त की वजह से पॉलीटेक्निक तथा आईईआरटी के डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसे लेकर लगातार मांग उठती रही, जिसके बाद नियमों में बदलाव किया गया है।
प्रयागराज के जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्रा ने बताया कि अब 10वीं बाद दो वर्ष या इससे अधिक अवधि के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाली पात्र छात्राओं को भी इस योजना के दायरे में लाया गया है। यानी, अब तीन वर्षीय पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि जिस परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है तथा दो बच्चे हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा अगर छात्रा नाबालिग है तो उसका खाता होना अनिवार्य नहीं है। योजना की राशि मां के खाता में जाएगी। यदि मां भी नहीं है तो पिता के खाता में पैसा जाएगा। नाबालिग छात्र-छात्राओं का खाता खुलवाने में काफी दिक्कतें होती हैं। इसे देते हुए सभी तरह की छात्रवृत्ति तथा छात्र-छात्राओं की अन्य योजनाओं में यह व्यवस्था लागू की गई है।
‘अब 10वीं बाद दो वर्ष या इससे अधिक अवधि के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाली पात्र छात्राओं को भी इस योजना के दायरे में लाया गया है। यानी, अब तीन वर्षीय पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।’
कब मिलेगी कितनी रकम
- जन्म के समय – 2000 रुपये (जन्म एक अप्रैल 2019 और इसके बाद )
- टीकाकरण के बाद – 1000 रुपये (जन्म एक अप्रैल 2018 या इसके बाद)
- पहली कक्षा में प्रवेश के बाद – 2000 रुपये (चालू सत्र में)
- कक्षा 6 में प्रवेश के बाद – 2000 रुपये (चालू सत्र में)
- कक्षा 9 में प्रवेश के बाद – 3000 रुपये (चालू सत्र में)
- स्नातक या फिर दो वर्ष या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश पर – 5000 रुपये (चालू सत्र में)
पारिवारिक आमदनी की सीमा 3 लाख रुपये वार्षिक
बहरहाल, इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी अधिकतम 3 लाख रुपये तक वार्षिक आय है। इसमें किसी परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ दिया जाएगा। इस योजना में 12वीं के बाद डिप्लोमा में दाखिला लेने वाली छात्राएं पात्र हैं, लेकिन 10वीं बाद डिप्लोमा कोर्सेज की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। इससे पॉलिटेक्निक और IERT के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने वाली छात्राएं भी लाभ से वंचित थीं। इसे लेकर लगातार मांग उठती रही जिसके बाद नियमों में बदलाव किया गया।
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट (www.mksy.up.gov.in) भी तैयार हो गई है। इस वेबसाइट से आप अपनी बेटी का डिटेल भरकर आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत पूरी पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गयी है। इसके लिए एक वेबसाइट बनायी गयी है। हालांकि, आपको यह ïभी बता दें कि जो लोग ऑनलाइन फार्म नहीं भर पायेंगे, उनके लिए ऑफलाइन आवेदन भरने की व्यवस्था भी की गयी है। यह योजना कितनी अहम है, यह इस बात से साफ हो जाता है कि इसके क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
- यूपी में निवास की अधिकृत प्रमाण पत्र –
- अधिकतम तीन लाख तक वार्षिक आय
- अधिकतम दो बेटियों वाले परिवार को
- जुड़वा बच्चा होने पर तीन संतान वाले परिवार की बेटियों को
योजना का उद्देश्य
- स्वास्थ्य व शिक्षा में सुधार
- कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण
- समान लिंगानुपात को बढ़ावा
- बाल विवाह कुप्रथा की समाप्ति
- नवजात कन्या व परिवार की सहायता
- बेटी जन्म की नकारात्मकता को दूर करना
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तेजी से लोकप्रिय हो रही योजना
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश में तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है। बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ ही विकास के नये अवसर प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह योजना शुरू की है। यह योजना महिला सशक्तिकरण के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है। इस योजना से कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के रोकथाम के प्रयासों को बल मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसरों की ओर बढऩे का अवसर भी प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का जोर-शोर से प्रचार
उत्तर प्रदेश मेंं महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से जोर-शोर से प्रचार जारी है। अखबारी विज्ञापन के बाद जिलों में प्रचार वैन चलायी जा रही हैं। इन वैन से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि बेटियों को जन्म से लेकर पढ़ाई तक के दौरान किसी तरह की दिक्कत न आए, इस मकसद से सरकार ने कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है। इसके तहत छह चरणों में कुल 15 हजार रुपये बालिकाओं को दिये जाने हैं।
सम्मानित किये गये थे हर जिले के टॉप टेन मेधावी
कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत के वक्त जिला स्तर पर 10वीं और 12वीं कक्षा में टॉप दस प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया था। इस योजना का शुभारंभ 11 अक्टूबर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। उसी दिन प्रदेश भर में जिला स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित कर संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री ने बोर्ड परीक्षा की टॉप टेन मेधावी बालिकाओं को धनराशि व पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।
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अशोक कुमार सिंह एक अनुभवी पत्रकार, लेखक, फोटोग्राफर हैं। कई दशकों तक हिन्दी के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संवाद लेखन और सम्पादन का कार्य करने के बाद अब Freelance Content Writer के रूप में कार्य कर रहे हैं।