प्रवासी कामकारों/श्रमिकों को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद के लिए केन्द्र सरकार उन्हें पीएम किसान योजना का लाभ देगी। उन्हें योजना की शर्तें पूरी करनी होंगी।
प्रवासी कामकारों/श्रमिकों में कोरोना को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडॉउन ने डर भर दिया है। जो लोग बड़े-बड़े शहरों और उत्पादन केन्द्रों से अपनी नौकरियां और सारे काम-धन्धे छोड़कर लौट रहे हैं, वे जल्द नहीं लौटेंगे। इसलिए यह तो तय है कि बाहरी राज्यों से गांव आने वाले ज्यादातर लोग कृषि का काम करेंगे। इसके अलावा मनरेगा से कहीं न कहीं जुड़ेंगे। क्योंकि परिवार पालने के लिए गांवों में और कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में पीएम किसान योजना में प्रवासी मजदूरों का सहारा बन सकती है।
शहरों से अपने सम्बन्ध तोड़कर लौट रहे प्रवासी कामकारों/श्रमिकों को सलाह दी गयी है कि अगर किसी प्रवासी मजदूर के पास खेती भी है, तो उसे सबसे पहले इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए। इससे मिलने वाली राशि खेती-किसानी में होने वाले उसके आकस्मिक खर्चों का बोझ बढ़ने नहीं देगी। खास बात है कि कृषि वैज्ञानिक और किसान संगठन लगातार इस योजना की राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
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पीएम किसान योजना : 10 करोड़ किसानों का सहारा
पीएम किसान योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi scheme) देश के लगभग 10 करोड़ किसानों का सहारा बनी है। इसी बीच बड़ी खबर आयी है कि केन्द्र सरकार की इस योजना लाभ प्रवासी मजदूरों (migrants workers) को भी मिल सकता है। पीएम किसान योजना की शर्तें पूरी करने वाला मजदूर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। बता दें कि इस योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपए मिलते हैं।
प्रवासियों को मिल सकता है पीएम किसान योजना का पैसा
केन्द्र सरकार भी पीएम किसान योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को पैसा देने के लिए तैयार है। बशर्ते प्रवासी कामकार/श्रमिक इस योजना की शर्तों को पूरा करता हो। बता दें कि अगर किसी प्रवासी मजदूर का नाम खेती के कागजात में है, तो इसके आधार पर उसे अलग से योजना का लाभ मिल सकता है। फिर चाहे वह संयुक्त परिवार का हिस्सा हो या न हो।
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पीएम किसान योजना में खुद करें रजिस्ट्रेशन
प्रवासी मजदूरों को योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। अगर वह सभी शर्तों को पूरा करता है, तो वह खुद पीएम किसान योजना की वेबसाइट pmkisan.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट के लिंक फार्मर कॉर्नर (Farmer Corner) पर जाकर आवेदन करना होगा। इसे क्लिक करने पर ड्रॉपडाउन मीनू खुलेगा। इसमें सबसे ऊपर है न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन (New Farmer Registration)। यहां अपना आधार नंबर डालकर और कैप्चा भर कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करें।
पीएम किसान योजना की शर्तें
- प्रवासी मजदूर के नाम खेत होना चाहिए।
- राजस्व दस्तावेजों में प्रवासी मजदूर का नाम होना चाहिए
- उसे बालिग होना जरूरी है।
- बैंक खाता और आधार नंबर होना जरूरी है।
- बैंक खाते को आधार से लिंक कराना भी ज़रूरी है।
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पीएम किसान योजना : आधार कार्ड अनिवार्य
बता दें कि 1 दिसंबर 2019 से पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के आवेदन के लिए आधार का होना जरूरी कर दिया गया है. अगर किसी आवेदक ने बगैर आधार के स्कीम में आवेदन किया तो उनके अकाउंट में 6 हजार रुपये नहीं आएंगे. जानकारों का कहना है कि पीएम किसान योजना के तहत आवेदन करते समय आधार नंबर नहीं होने या फिर गलत दर्ज करने पर इस योजना का फायदा नहीं मिल पाता है.
योजना में परिवार की परिभाषा
भारत सरकार की यह पहली योजना है, जिसका सीधा लाभ किसानों को दिया जाता है। इस योजना में परिवार का मतलब है कि पति-पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे। इसके अलावा अगर खेती के दस्तावेज में किसी औऱ का नाम है, तो वह अलग से इस योजना का लाभ ले सकता है।
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पीएम किसान योजना का बजट 75 हजार करोड़ रुपये
आपको बता दें कि पीएम किसान योजना का बजट लगभग 75 हजार करोड़ रुपए का है। सरकार का लक्ष्य है कि लगभग 14.5 करोड़ लोगों को सालाना इस योजना के तहत पैसा दे दिया जाए। मगर इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की बात करें, तो अभी तक लगभग 10 करोड़ किसानों का भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। इस योजना के कुल लाभार्थी सिर्फ 9.65 करोड़ हैं, जबकि इस योजना को शुरू हुए लगभग 17 महीने हो चुके हैं। ऐसे में अगर बाहरी राज्यों से गांव आने वाले लोग इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, तो उन्हें इसका पैसा मिल पाएगा।
4 फरवरी, 2019 को शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक भव्य समारोह के साथ औपचारिक रूप से इस योजना का शुभारंभ किया था। हालांकि यह योजना 1 दिसंबर, 2018 से ही प्रभावी है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिये जाते हैं। यह राशि 2000-2000 रुपये की तीन समान किस्तों में हर चार महीने में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।
मनरेगा का बजट भी बढ़ा
साल 2006 में मनरेगा शुरू होने के बाद पहली बार इसका बजट 1 लाख रुपये के पार पहुंच गया है। मोदी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए इसका बजट बढ़ा दिया है, ताकि गांवों में लोगों को अधिक रोजगार मिल सके। 2020-21 में अब इस पर 1,01,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि पिछले वर्ष इस पर 71 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे। हालांकि 2020-21 के बजट में सरकार ने 61,500 करोड़ रुपये का बजट ही घोषित किया था।
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अशोक कुमार सिंह एक अनुभवी पत्रकार, लेखक, फोटोग्राफर हैं। कई दशकों तक हिन्दी के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संवाद लेखन और सम्पादन का कार्य करने के बाद अब Freelance Content Writer के रूप में कार्य कर रहे हैं।