उत्तर प्रदेश सरकार ने बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास के नये अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ की है। महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वास जताया है कि यह योजना लागू होने से जहाँ एक ओर कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के रोकथाम के प्रयासों को बल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसरों की ओर बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। योजना के तहत पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। इसलिए प्राथमिक तौर पर योजना में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा ही प्रदान की गयी है। इसके लिए एक वेबसाइट बनायी गयी है। फिर भी जो ऐसा नहीं कर सकते, उनके लिए ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने की व्यवस्था भी की गयी है।
योजना की पृष्ठभूमि
भारत का सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और संवेदी है। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रही है। समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेद-भाव जैसेः कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकायें/महिलायें अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं।
इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है जो अत्यन्त आवश्यक है। कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह कुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करना तथा बेटियों के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना है।
6 श्रेणियों में मिलेगा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना 6 श्रेणियों में निम्नवत् लागू की जायेगी।
प्रथम श्रेणीः
नवजात बालिकाओं, जिनका जन्म 1 अप्रैल 2019 या उसके पश्चात् हुआ हो, को 2000 रुपये एक मुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
द्वितीय श्रेणीः
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिनका एक वर्ष के भीतर सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 1 अप्रैल 2018 से पूर्व न हुआ हो, को 1000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
तृतीय श्रेणीः
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो , को 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
चतुर्थ श्रेणीः
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो , को 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
पंचम श्रेणीः
वह बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो , को 3000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
षष्टम् श्रेणीः
वह सभी बालिकायें सम्मिलित होंगी जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो , को 5000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
इस तरह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अलग अलग समय पर दी जाने वाली राशि को मिलाकर प्रति बालिका अधिकतम 15,000 रुपये प्रदान किये जायेंगे। बालिका के अवयस्क होने पर देय राशि उसकी माता के व माता का निधन होने पर पिता के खाते में दी जाएगी। माता-पिता दोनों की मौत होने पर राशि बालिका के खाते में दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में पात्रता के लिए अहर्ताएं
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ पात्रताएं तय की है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिले। ये अर्हताएं इस प्रकार हैंः
1: लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड/आधार कार्ड/वोटर पहचान पत्र/विद्युत/टेलीफोन का बिल मान्य होगा।
2: लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रु0-3.00 लाख हो।
किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
3: लाभार्थी के परिवार का आकार (साईज)-परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों।
4: किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकायें ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा।
5: यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गयी संतानों को सम्मिलित करते हुये अधिकतम दो बालिकायें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी होंगी।
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ऐसे करें आवेदन
इस पर क्लिक करने पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का पेज खुलेगा।
दोस्तों, यहां हम बतायेंगे कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र बालिकाएं कैसे आवेदन करें। प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना की अलग वेबसाइट बनायी है। www.mksy.up.gov.in पर क्लिक कर इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
इस पर पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए ‘नया उपयोगकर्ता- खुद को पंजीकृत करें’ शीर्षक के नीचे नियम और शर्तें पढ़ने के बाद I Agree के सामने बने टिक बॉक्स में टिक कर Continue बटन पर क्लिक करें।
अब जो पेज खुलेगा, उस पर लिखा होगा- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत पंजीकरण (आवेदक का विवरण: माता-पिता / अभिभावक / स्व)
यहां आपको पंजीकरण करने वाले व्यक्ति का ब्योरा, पता तथा लाभार्थी बालिका से सम्बन्ध की जानकारी देनी होगी।
यह भी बताना होगा कि आवेदन शहरी क्षेत्र के लिए है या ग्रामीण क्षेत्र के लिए। परिवार में बच्चों की संख्या की जानकारी भी देनी होगी।
कैप्चा और ओटीपी जैसे सुरक्षा चरण से गुजरते हुए पंजीकरण पूरा हो जायेगा।
पंजीकरण की इस प्रक्रिया के दौरान बनाये गये लॉगिन व पॉसवर्ड से लॉगिन करके के बाद लाभार्थी बालिका का ब्योरा दर्ज करना होगा। इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत आवेदक के पंजीकरण और फार्म भरने के दौरान इन दस्तावेजों की स्कैन कॉपी उपलब्ध होनी चाहिए।
1 : पते का प्रमाण
2 : परिचय-पत्र
3 : माता, पिता, अभिभावक या स्वयं का बैंक खाता नम्बर, पासबुक की स्कैन कॉपी
4 : मतदाता पहचान पत्र (वैकल्पिक)
5 : माता-पिता की मृत्यु की दशा में उनका मृत्यु प्रमाणपत्र
6 : गोद ली हुई बेटी होने की दशा में दत्तक प्रमाणपत्र
7 : लाभार्थी बालिका का नवीनतम फोटोग्राफ
8 : लाभार्थी बालिका का आवेदक के साथ फोटोग्राफ
9 : लाभार्थी बालिका का जन्म प्रमाणपत्र
10 : निर्धारित फार्मेट में हलफनामा
11 : टीकाकरण कार्ड
12 : सम्बन्धित कक्षा में प्रवेश का प्रमाणपत्र
किस श्रेणी की बालिका के लिए इनमें से कौन-से दस्तावेज की जरूरत होगी, इसकी जानकारी यहां क्लिक करके पायी जा सकती है।
योजना में वेबसाइट www.mksy.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन जनसुविधा केंद्र/सीएससी सेंटर से किया जा सकता है। यहां तक कि खुद के लैपटॉप और मोबाइल फोन से भी आवेदन किया जा सकता है। फिररि भी जो ऐसा नहीं कर सकते वे निर्धारित प्रपत्र में अपने फार्म भरकर खंड विकास अधिकारी, एसडीएम, जिला परिवीक्षा अधिकारी, उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
अशोक कुमार सिंह एक अनुभवी पत्रकार, लेखक, फोटोग्राफर हैं। कई दशकों तक हिन्दी के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संवाद लेखन और सम्पादन का कार्य करने के बाद अब Freelance Content Writer के रूप में कार्य कर रहे हैं।