उत्तर प्रदेश सरकार गाय के संरक्षण के लिए कर रही अभिनव पहल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवारा पशुओं की समस्या से लगातार जूझ रहा है। खेतिहर किसान परेशान हैं कि आवारा या छुट्टा पशु उनकी फसल चौपट कर जाते हैं। हर साल ऐसी खबरें आती हैं कि अमुक जगह परेशान किसानों ने आवारा पशुओं को गांव के स्कूलों में बंद कर दिया। तहसील ले आये, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब इसका हल निकाल लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार गाय पालने की इस योजना से छुट्टा जानवरों पर तो रोक लगायेगी ही, गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार गायों के साथ उनको पालने के लिए पैसे भी दे रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को छुट्टा गायों की समस्या से निजात दिलाने के लिए जो अभिनव योजना शुरू की है, उसे ‘मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ नाम दिया गया है। इस योजना के तहत छुट्टा गाय पालने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से 30 रुपए भी देगी। सरकार का अनुमान है इस योजना पर पहले चरण में एक अरब 9 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होंगे।
प्रदेश में खोले गये आश्रय स्थलों में रखे गये पशुओं को ही इस योजना में गाय लेने के इच्छुक लोगों को दिया जाएगा। एक व्यक्ति कम से कम 4 पशुओं को रख सकता है। योजना में जिन लोगों को चयनित किया जाएगा, सबसे पहले यह देखा जायेगा कि वे पशुओं पालने योग्य हैं भी या नहीं।
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पशुपालन निदेशालय में अपर निदेशक (गोधन) डॉ ए.के. सिंह ने योजना के बारे में बताया, ”प्रदेश में बनाये गये 4,063 गोवंश आश्रय स्थलों में दो लाख से भी ज्यादा गोवंश को संरक्षित किया गया है। इनमें 60 प्रतिशत मादा और 40 प्रतिशत नर है। ‘मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ के तहत इच्छुक लोगों को गाय ही दी जाएंगी। अगर कोई व्यक्ति नर पशुओं को लेने के लिए इच्छुक होंगे तो ही उनको नर पशु दिये जाएंगे।”
बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत पहले चरण में एक लाख छुट्टा गायें पालने के लिए लोगों को दी जायेंगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बैठक में इस योजना की जानकारी देते हुए कहा था कि गाय पालने वाले लोगों को ३० रुपये प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से हर तीन माह पर भुगतान किया जाएगा। जल्द ही इस भुगतान को मासिक किया जाएगा।
इस तरह कर सकते हैं अप्लाई
- गायें पालने के इच्छुक व्यक्ति को सबसे पहले पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसमें आपको मा० मुख्यमंत्री निराश्रित /बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना लिखा हुआ दिख जाएगा। इस पर जैसे ही क्लिक करेंगे, वहां लिखकर आयेगा- निराश्रित /बेसहारा गोवंश को इच्छुक कृषको/पशुपालको/अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किये जाने हेतु “मा० मुख्यमंत्री निराश्रित /बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना” का प्रख्यापन
- इस लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको बेसहारा गोवंश के भरण पोषण के लिए इच्छुक किसान/पशुपालक/अन्य व्यक्तियों के संबंध में शासनादेश और चयन के लिए आवेदन पत्र मिल जाएगा।
- शासनादेश और फार्म यहां से भी डाउनलोड किये जा सकेंगे।
- इस आवेदन पत्र को प्रिंट करा कर सभी जरूरी जानकारियां सही-सही भर दें।
- इच्छुक किसान/पशुपालक/अन्य व्यक्तियों का फोटोग्राफ, नाम, पता, आधार संख्या, वोटर आईडी और बचत खाते का विवरण भी आवेदन पत्र में देना होगा।
- आवेदन पत्र में परिवार का विवरण भी देना होगा।
- आप जितने भी गोवंश पालना चाहते हैं उनकी संख्या भी लिखनी होगी।
- इन सभी को पूरा कराने के बाद अपने ग्राम प्रधान से हस्ताक्षर कराकर जिलाधिकारी औरव पशुचिकित्साअधिकारी के पास जमा कर सकते हैं।
गोवंश की सुपुर्दगी का भी होगा प्रमाण पत्र
- किसान/पशुपालक/अन्य व्यक्तियों को जो भी गोवंश पालने के लिए दिये जायेंगे, उन गोवंश की पूरी जानकारी अधिकारियों को एक अलग फार्म में भरनी होगी।
- उदाहरण के लिए अगर कोई किसान पांच गायें लेता है तो संबंधित अधिकारी हर गाय का टैग नंबर, उम्र, लिंग, रंग, सींग, गाय दूध दे रही है या नहीं, यह पूरी जानकारी भरने के बाद ही उस व्यक्ति को गायें दी जाएंगी।
- इस फार्म को ग्राम प्रधान/अधिशासी अधिकारी/नगर आयुक्त द्वारा हस्ताक्षर कराया जाएगा।
छुट्टा गायों को पालने वालों की होगी निगरानी
इस योजना के तहत जो भी व्यक्ति छुट्टा गायों को पालेंगे योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी निगरानी भी करवाएगी। जिलाधिकारी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को यह देखने की जिम्मेदारी होगी कि इस योजना का लाभ उठा रहा व्यक्ति पशुओं का ठीक से ख्याल रख रहा है या नहीं। इसके साथ ही योजना के तहत पाले गए पशु न तो किसी और को बेचे जा सकेंगे और न ही दुबारा छुट्टा छोड़े जा सकेंगे।
अशोक कुमार सिंह एक अनुभवी पत्रकार, लेखक, फोटोग्राफर हैं। कई दशकों तक हिन्दी के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संवाद लेखन और सम्पादन का कार्य करने के बाद अब Freelance Content Writer के रूप में कार्य कर रहे हैं।