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कुसुम योजना : खाली जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर करें कमाई

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बंजर व ऊसर जमीनें भी अब किसानों को मालामाल करेंगी क्योंकि जल्द ही ऐसी जमीनों पर सोलर एनर्जी प्लांट व सोलर पंप लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री कुसुम योजना की मदद से बंजर व ऊसर भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए किया जा सकता है। शेष बिजली सरकार को बेची जा सकती है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में बंजर व ऊसर जमीनों पर सोलर एनर्जी प्लांट व सोलर पंप लगाकर किसान अब अत‌िर‌िक्त कमाई कर सकते हैं।

फ्रांस के सहयोग से उप्र में सबसे बडा सौर ऊर्जा प्‍लांट मिर्जापुर जिले में संचालित है। यहां की सफलता से उत्साहित होकर उत्तर प्रदेश शासन अब राज्य के आम किसानों को भी सौर ऊर्जा से जोड़कर उनको आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। बंजर और ऊसर जमीनें भी अब किसानों को मालामाल करेंगी, क्योंकि शासन की प्रधानमंत्री कुसुम योजना यानि किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा उत्थान महाभियान के तहत जल्द ही ऐसी जमीनों पर सोलर एनर्जी प्लांट व सोलर पंप लगाए जाएंगे।

शासन की प्रधानमंत्री कुसुम योजना यानि किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा उत्थान महाभियान के तहत एनर्जी फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की वह जमीनें भी उत्पादक बनेंगी जिन पर खेती संभव नहीं है। इन पर लगे सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली को सरकार खरीदेगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

ट्यूबवेल को की जा सकेगी निर्बाध बिजली आपूर्ति

प्रदेश सरकार ने कुसुम योजना के अन्तर्गत ऊसर व बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। विंध्य जैसे पहाड़ी क्षेत्र की ऊसर व बंजर जमीनों को भी आर्थिक उत्पादकता से जोड़ा जाएगा। इससे सर्वाधिक फायदा बुन्देलखण्ड वासियों को होगा। इन प्लांट्स से सरकारी ट्यूबवेल, निजी पंप और पंपिंग सेट्स यूनिट को निर्बाध बिजली आपूर्ति भी की जा सकेगी। विद्युत अभियंताओं के अनुसार लगभग 17 फीसदी बिजली की खपत पानी के पंपों को चलाने में होती है। सोलर प्लांट्स लगने से इसमें कटौती होगी और बिजली आपूर्ति भी बेहतर होगी।

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कुसुम योजना के अनुसार इन प्लांट्स से तैयार बिजली को किसान अपने इस्तेमाल के बाद सीधे सरकार को बेच सकेंगे। शुरुआती दौर मेें यह योजना बुंदेलखंड व विंध्याचल मंडल में क्रियान्वित की जानी है। प्रस्तावित सोलर एनर्जी प्लांट्स के लिए विद्युत निगम व सिंचाई विभाग की संयुक्त टीमें जल्द ही जनपद में सर्वे का काम पूरा करेंगी।

लगाए जा रहे एग्री फीडर

कुसुम योजना लांच होने से पहले एग्री फीडर लगाये जा रहे हैं। सरकारी ट्यूबवेल, पंप को बिजली आपूर्ति के लिए अतिरिक्त फीडर की स्थापना खेती के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। गुजरात व मध्य प्रदेश जैसे राज्ययों में दशक भर पहले ही एग्री फीडर लगाए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी अब यह योजना चलाई जा रही है।

प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति

सरकारी की योजना के अनुसार एनर्जी फार्मिंग से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति में भी सुधार होगा। ग्रामीण अंचलों में ज्यादातर निजी पंप डीजल इंजन से चलाए जाते हैं। सोलर ऊर्जा प्लांट्स व सोलर पंप लगने से डीजल इंजन से होने वाले प्रदूषण पर रोक लग सकेगी। इससे किसानों व खेत दोनों की सेहत में सुधार होगा।

बिजली की बड़ी बचत

सरकार का मानना है कि अगर देश के सभी सिंचाई पंप में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने लगे तो न सिर्फ बिजली की बचत होगी बल्कि 28 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी संभव होगा।

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कुसुम योजना के अगले चरण में सरकार किसानों को उनके खेतों के ऊपर या खेतों की मेड़ पर सोलर पैनल लगा कर सौर ऊर्जा बनाने की छूट देगी। इस योजना के तहत 10,000 मेगावाट के सोलर इनर्जी प्लांट किसानों की बंजर भूमि पर लगाये जायेंगे।

कुसुम योजना में किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी और शेष बिजली ग्रिड को भेजने पर कमाई भी होगी।

कुसुम योजना से क‌िसानों को दो तरह के फायदे

केंद्र सरकार की कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी। एक तो उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी। अगर किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है। इससे उन्हें बंजर जमीन से भी आमदनी होने लगेगी।

क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?

भारत में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। केंद्र सरकार की कुसुम योजना के जरिये किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं। किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांवों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति शुरू की जा सकती है।

कुसुम योजना के लिए केन्द्र सरकार की तैयारी क्या है?

कुसुम योजना की घोषणा केंद्र सरकार के आम बजट 2018-19 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की थी। कुसुम योजना के तहत साल 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा निर्धारित बजट के हिसाब से कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।

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कुसुम योजना पर आने वाले कुल खर्च में से केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये का योगदान करेगी, जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार देगी। किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी खर्च ही उठाना होगा। कुसुम योजना के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम बैंक लोन के माध्यम से किया जाएगा।

कुसुम के पहले चरण में डीजल पंप बदले जाएंगे

कुसुम योजना के पहले चरण में किसानों के सिर्फ उन सिंचाई पंप को शामिल किया जाएगा जो अभी डीजल से चल रहे हैं। सरकार के एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 17.5 लाख सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी। इससे डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

कुसुम योजना के तहत क‌ितने सोलर पम्प का लक्ष्य?

कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार पहले चरण में देश भर में 27.5 लाख सोलर पंप सेट मुफ्त दे रही है। कुसुम योजना इस साल जुलाई से शुरू हो चुकी है।

क्या हैं विकल्प?

जिन इलाके में बिजली ग्रिड नहीं है वहां कुसुम योजना के तहत किसानों को 17.5 लाख सौर पंप सेट दिए जाएंगे। इसके अलावा जिन जगहों पर बिजली ग्रिड है, वहां किसानों को 10 लाख पंप सेट दिए जाएंगे।

प्लग ऐण्ड प्ले मॉडल के जरिये सोलर ऊर्जा की दरों में 75 फीसदी की कमी लायी गयी है, जबकि सोलर एनर्जी पार्क से विद्युत उपलब्धता 20 गीगावाट के मुकाबले 40 गीगावाट पहुंच गयी है।

कुसुम योजना की मुख्य बातें

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केंद्र सरकार की कुसुम योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं: https://mnre.gov.in/

ऑनलाइन आवेदन (Online Apply)

इस प्रकार आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।

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डिस्क्लेमर:
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा उत्थान महाभियान योजना की जानकारी केन्द्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट से जुटाई गयी है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित सभी मामलों के लिए भारत सरकार की नोडल मंत्रालय है। साइट पर जाकर अधिक जानकारी के लिए यहां क्ल‌िक करें। इस योजना की जानकारी मौजूदा नियमों के हिसाब से है, इसमें किसी बदलाव के लिए Yojanagyan.com की जिम्मेदारी नहीं है।

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