गेहूं खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, ऐसे उठाएं लाभ

उत्तर प्रदेश में 2020-21 के लिए गेहूं खरीद का एमएसपी 1935 रुपये प्रति कुन्तल तय किया गया है। यह दर केंद्र सरकार ने तय की है।

उत्तर प्रदेश  सरकार 1 अप्रैल से 15 जून के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद करेगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार 1 अप्रैल से 15 जून के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद करेगी।

उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन 6 मार्च से शुरू हो गया है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 1 अप्रैल से 15 जून के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद करेगी। ऐसे में जो किसान सरकारी भाव पर गेहूं बेचना चाहते हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। केन्द्र ने वर्ष 2020-21 के लिए गेहूं खरीद का एमएसपी 1935 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

  • किसानों को गेहूं बेचने के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल www.fcs.up.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
  • यह ल‌िंक क्ल‌िक करने पर आप https://eproc.up.gov.in/Uparjan/Home_Reg.aspx पहुंचेंगे। किसान अपने मोबाइल फोन से इस पोर्टल पर खुद ही पंजीकरण कर सकते हैं। खुद पंजीकरण न कर पायें तो जनसुविधा केन्द्र या साइबर कैफे पर जाकर भी इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
  • किसान के नाम पर कोई आढ़तिया या कोई और सरकारी दर पर गेहूं न बेच पाये और इस योजना में किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाये, इसके लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित पंजीकरण की व्यवस्था की है। यह पासवर्ड एसएमएस के जरिये मोबाइल पर आयेगा। इसलिए योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को अपना मोबाइल नंबर भी देना होगा। किसानों से अपेक्षा की गयी है कि वे इस्तेमाल में आ रहा अपना मौजूदा मोबाइल नम्बर ही देंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद में कुछ शर्तें भी रखी हैं, ताक‌ि सही क‌िसान ही क्रय केन्द्रों पर गेहूं की ब‌िक्री कर सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद में कुछ शर्तें भी रखी हैं, ताक‌ि सही क‌िसान ही क्रय केन्द्रों पर गेहूं की ब‌िक्री कर सकें।

गेहूं खरीद में शर्त भी : 100 कुन्तल से ज्यादा गेहूं तो यह है नियम

  • दोस्तों, इस खरीद के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई हैं। मसलन, अगर किसी किसान के पास बिक्री के लिए 100 कुन्तल से ज्यादा गेहूं है, तो इसे बेचने से पहले उपजिलाधिकारी (एसडीएम) से ऑनलाइन सत्यापन कराना होगा।
  • किसान के पंजीकरण की पूरी कार्रवाई को राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल से लिंक किया गया है। इसलिए रजिस्ट्रेशन करते समय किसानों को अपनी खतौनी में अंकित नाम को पंजीकरण में सही-सही दर्ज करना होगा।
  • खतौनी में बायीं ओर उल्लिखित नामों में से अपना नाम चुनने का विकल्प ऑनलाइन ड्राप डाउन मीनू में उपलब्ध होगा। नाम में भिन्नता होने पर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) द्वारा ऑनलाइन ही सत्यापित किया जायेगा।
  • इसके साथ ही किसान को कम्प्यूटराइज्ड खतौनी की खाता संख्या, पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबेे को एवं बोये गये गेहूं के रकबे को अंकित करना होगा। संयुक्त भूमि होने की दशा में किसान को रजिस्ट्रेशन के वक्त अपनी हिस्सेदारी की सही-सही घोषणा करनी होगी।
  • सरकारी गेहूं क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने के इच्छुक किसान को अपनी आधार संख्या के साथ ही आधार कार्ड में अंकित अपना नाम-पता भी सही से भरना होगा। साथ ही यह भी बताना होगा कि किसान महिला हैं या पुरुष हैं।
  • किसान भाइयों के लिए जो सबसे जरूरी बात है, वह यह कि उन्हें अपना बैंक खाता केन्द्रीय बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) युक्त ऐसी बैंक शाखा में खुलवाना चाहिए, जिसमें पीएफएमएस की सुविधा उपलब्ध हो। वे पंजीयन के वक्त बैंक खाता व आईएफएससी कोड भरने में सतर्कता बरतें।
  • सरकार की ओर से अपील की गयी है कि पीएफएमएस के माध्यम से त्वरित गति से भुगतान सम्भव हो सके, इसके लिए किसान भाई अपने संयुक्त बैंक खाते के स्थान पर एकल बैंक खाते को ही पंजीकरण के वक्त दर्ज करायें।

धान खरीद का पंजीकरण है तो गेहूं खरीद के ल‌िए पंजीकरण जरूरी नहीं

जिन किसानों ने पिछले सीजन में धान खरीद के लिए पंजीकरण कराया था, उनके लिए राहत की बात यह है कि उन्हें फिर से पंजीकरण कराना जरूरी नहीं है, लेकिन उसी पंजीकरण को संशोधन कर या बिना संशोधन के पुन: लॉक करना होगा।

गेहूं खरीद केन्द्र पहुंचने से पहले सबसे जरूरी काम

सफलतापूर्वक पंजीकरण पूरा हो जाने के बाद पंजीयन प्रपत्र मिलेगा, जिसे गेहूं विक्रय के समय क्रय केन्द्र पर दिखाना होगा। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लें कि बिक्री के लिए लाये गये गेहूं की मात्रा 100 कुन्तल से ज्यादा होने पर तथा नाम में भिन्नता होने पर उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन कर दिया गयी है, आधार का प्रमाणीकरण हो गया है तथा उनका बैंक खाता पीएफएमएस से सत्यापित हो गया है।

टोल फ्री नंबर

किसी तरह की समस्या होने पर टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 पर संपर्क किया जा सकता है।

गेहूं खरीद : समर्थन मूल्य में हर साल वृद्ध‌ि

उत्तर प्रदेश सरकार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की मंशा के अनुरूप पांच साल के भीतर किसानों की आय को दोगुना करने के मिशन में जोर-शोर से जुटी हुई है। किसानों को उनकी उपज का अधिक मूल्य दिलाने के लिए अब कमोबेश हर साल समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने नयी प्रॉक्योरमेंट पॉलिसी लागू की।

दो साल पहले गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,735 रुपये प्रति कुन्तल था, जिसे वर्ष 2019 में 105 रुपये बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति कुन्तल किया गया। रबी वर्ष 2020-21 के लिए भारत सरकार ने इसमें 85 रुपये प्रति कुन्तल की बढ़ोतरी कर गेहूं का समर्थन मूल्य 1,925 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है। इस तरह दो साल में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 190 रुपये प्रति कुन्तल की बढ़ोतरी हुई है।

गेहूं खरीद : मूल्य वृद्ध‌ि से क‌िसान को प्रोत्साहन

दो साल में गेहूं का समर्थन मूल्य 190 रुपये प्रति कुन्तल बढऩे से किसानों को प्रोत्साहन तो मिलेगा। योगी सरकार आने के बाद से 3 वर्षों में 126 लाख मीट्रिक टन गेहूं व 141 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद सीधे किसानों से की गयी। पहली बार दलहन, तिलहन व मक्का का समर्थन मूल्य तय कर किसानों से सीधी खरीद हुई।

सरकार के प्रयासों को क‌िसानों का भरपूर समर्थन

योगी सरकार के प्रयासों को किसानों से भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। वर्ष 2018-19 में 581.60 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष किसानों ने 604.15 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन किया। वर्ष 2020-21 हेतु 641.74 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य है। प्रदेश में डीबीटी के माध्यम से 80 लाख से अधिक किसानों को 1,431 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया।

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रदेश सरकार कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। 3.7 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड व 1 करोड़ 11 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये। किसान पाठशाला के माध्यम से 50 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय कृषि कुम्भ का आयोजन तथा गंगा किनारे की 1,038 ग्राम पंचायतों के लिए गो-आधारित प्राकृतिक खेती की 526 कार्यशालाएं आयोजित की गयीं।

पिछले 3 वर्षों से लगातार धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, मक्का, आलू के समर्थन मूल्य घोषित करते हुए सरकार किसान को समर्थन मूल्य से ज्यादा पैसा दे रही है।

डिस्क्लेमर : 
यह जानकारी खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट से जुटाई गयी है। योजना का लाभ पात्र व्य‌क्त‌ियों को प्रदान करने के लिए यह पोर्टल तैयार किया गया है। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्ल‌िक‌ करें। इस योजना की जानकारी मौजूदा नियमों के हिसाब से है, इसमें किसी बदलाव के लिए Yojanagyan.com की जिम्मेदारी नहीं है।

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