राष्ट्रीय आरोग्य निधि : मिलेगी 15 लाख तक वित्तीय सहायता
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सहायता योजना आयुष्मान भारत के तहत अब लाभार्थियों को काफी फायदा होने वाला है। योजना के लाभार्थियों को राष्ट्रीय आरोग्य निधि ( RAN ) के तहत ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी, जिनपर अधिक खर्च आता है और जो आयुष्मान भारत योजना में कवर नहीं होते हैं। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय आरोग्य निधि को लेकर संशोधित गाइडलाइंस भी जारी की हैं। इसके लिए सभी सरकारी अस्पतालों, सभी क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों, व्यय विभाग और बीमा कार्यक्रम लागू करने वाले शीर्ष संगठन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को पत्र जारी किया गया है ।
राष्ट्रीय आरोग्य निधि की योजना के तहत मिलेगा फायदा
संशोधित गाइडलाइंस के अनुसार, ‘अगर चिकित्सा परामर्श के तहत सुझाया गया उपचार आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोगय योजना (AB-PMJAY) के किसी भी सूचीबद्ध पैकेज के तहत नहीं आता है, तो राष्ट्रीय आरोग्य निधि की योजना के तहत लाभार्थियों को 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
इन स्थितियों में मिलेगा लाभ
आगे कहा गया है कि जिन स्थिति में लाभार्थियों को संबंधित सरकारी अस्पतालों से प्रमाणित किया जाएगा, उनमें यह देखा जाएगा कि उनकी दशा आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोगय योजना (AB-PMJAY) के तहत कवर योग्य है या नहीं। पत्र में कहा गया है कि मरीज को आरएएन के तहत वित्तीय सहायता मुहैया कराने की अनुमति मिलनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया गया था सुझाव
इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और एनएचए ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर सुझाव दिया था। पत्र में मंत्रालय का ध्यान मरीजों के ऐसे मामलों की ओर दिलाया गया था, जिनको योजना के तहत इलाज से मना कर दिया गया क्योंकि रक्त कैंसर और लीवर से जुड़ी बीमारी दर्ज 1393 चिकित्सा पैकेज में नहीं आती हैं।
राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत सहायता के लिए पात्रता
- सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले ऐसे व्यक्ति जो मानव जीवन के लिए घातक विशिष्ट बीमारियों से ग्रस्त हैं ।
- राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत सहायता सिर्फ सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए ही लागू।
- केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मचारी पात्र नहीं हैं।
- रोगी द्वारा पहले व्यय किये जा चुके चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत अनुमन्य नहीं है।
- सामान्य बीमारियों तथा उन बीमारियों के लिए, जो अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों/योजनाओं के तहत उपचार शुल्क मुक्त है, राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत अनुदान के लिए पात्र नहीं हैं।
- अपने राज्य में उपचार करा रहे रोगी राज्य रोग सहायता निधि (जहां ऐसी निधि का गठन किया गया) से सहायता प्राप्त करेंगे, बशर्त चिकित्सा लागत 1.50 लाख रुपए से अधिक न हो।
- 1.50 लाख रुपए से अधिक खर्च के मामले राज्यों द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय आरोग्य निधि (केंद्रीय निधि) से सहायता के लिए रेफर किए जाएंगे।
योजना के अंतर्गत शामिल रोगों की सूची
निधि से प्रदान किए जाने वाले उपचार की ब्यौरेवार सूची निम्नलिखित है, इस सूची की तकनीकी समिति द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
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हृदय विज्ञान एवं हृदय संबंधी शल्य क्रिया :
- सीआरटी/बाइवेंट्रिक्युलर पेसमेकर सहित पेसमेकर
- आटोमेटिक इम्पलॉटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (एआईसीडी) और कोम्बो युक्तियाँ डायग्नोस्टिक कार्डियक कैथेटराइजेशन और कोरोनरी एंजियोग्राफी सहित कोरोनरी आर्टरी रोग एंजियोप्लास्टी स्टेंट के साथ या बिना रोटा-एब्लेशन, बैलून वॉल्व्यूलोप्लास्टी सहित नैदानिक प्रक्रिया
- एएसडी, वीएसडी एवं पीडीएडिवाइस क्लोजर
- कैरोटिड एंजियोप्लास्टी और रीनल एंजियोप्लास्टी, ऑर्टिक सर्जरी व स्टेंट ग्राफ्टिग सहित पेरिफेरल वास्क्युलर एंजियोप्लास्टी
- क्वायल इम्बोलाईजेशन एवं वास्क्युलर प्लग्स
- इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल अध्ययन (ईपीएस)एवं रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएएफ) एब्लेशन
- सीएबीजी वाल्ब प्रतिस्थापन सहित जन्मजात एवं अर्जित समस्याओं के लिए हृदय की शल्य क्रिया
- हृदय/फेफड़ा प्रत्यारोपण (अधिकतम लागत सीजीएचएस दरों तक)
- इंट्रा ऑर्टिक बलून पंप (आईएबीपी)
- एक्यूट मॉयोकार्डियल इन्फ्रेक्शन, पलमोनरी थ्रोम्बोएबोलिज्म व प्रोस्थेटिक वाल्ब थ्रोम्बोसिस हेतु थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी
- आईवीसी फिल्टर
कैंसर
- रेडियो थेरेपी और गामा नाइफ शल्य क्रिया/जीआरटी/एमआरट/ब्राकोथेरेपी सहित सभी तरह के विकिरण उपचार
- टोमनल थेरेपी सहित मेडिकेशन समर्थित कैंसर रोधी किमोथेरापी
- अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण-एलोजेनिक तथा ऑटोलोगस
- नैदानिक प्रक्रियाएं – पीईटी स्कैन सहित
- ऑपरेवल कैंसर रोगियों के लिए शल्य क्रिया
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मूत्र विज्ञान/वृक्क विज्ञान/जठरांत्र विज्ञानः
- डायलिसिस (हीमोडायलिसिस तथा पेरीटोनियल दोनों)
- एबीओ असंगत दाताओं में प्लाज्मलफेरेसिस
- गुर्दे फेल होने पर निरंतर आरआरटी
- डायलिसिस के लिए वास्क्यूलर एक्सस उपभोज्य वस्तुएं (एवी ग्राफ्ट, स्थायी कैथेटर्स सहित कैथेटर्स)
- गुर्दा प्रतिरोपण- सीजीएचएस दरों के अनुसार अधिकतम सीमा निर्धारित की जा सकती है
- यूसीजी निर्देशित पीसीएनएल तथा यूएसजी निर्देशित एसपीसी
- टीयूआर बीटी के साथ सीपीई, एंडोस्कोपिक कैथेराईजेशन के साथ सीपीई क्लॉट इवेक्येशन के साथ सीपीई सहित मूत्र विज्ञान में एंडोस्कोपिक शल्य चिकित्सीय क्रियाविधियां
- जीआई शल्य क्रिया में एंडोस्कोपिक/शल्य चिकित्सीय क्रियाविधियां
- तीव्र जीआई आपातिक स्थितियां जैसे कि तीव्र पैन्क्रियाटाइटिस, जीआई रक्त-स्राव, कोलेनजाइटिस, पेरीटोनाइटिस, इन्टेस्टाइनल ऑब्सटक्शन, बाइलियरी स्ट्रक्चर, एक्यूट फुलमिनेन्ट हिपेटाइटिस, हिपेरिन एन्सीफेलोपैथी, हिपरिन एब्सेस आदि
- पोर्टल हाइपरटेंशन हेतु यकृत प्रत्यारोपण एवं शल्य-किया अधिकतम लागत सीजीएचएस दरों तक हो सकती है
अस्थि रोग विज्ञान
- अभिघातज एव रोगात्मक फ्रैंक्चर* का उपचार।
- जोड़ों के विस्थापन हेतु आरोपण।
- स्पाइनल फिक्सेशन इम्पलाट**
*स्कीम के तहत फ्रैंक्चर एवं पॉली ट्रॉमा में प्रयोग होने वाले केवल स्वदेशी प्रत्यारोपणों की अनुमति होगी।
**उपचार करने वाले चिकित्सक अब गैर-स्वदेशी प्रत्यारोपण के लिए औचित्य देना होगा।
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तंत्रिका शल्य क्रिया-तंत्रिका विज्ञान
- मस्तिष्क अर्बुद (ब्रेन ट्यूमर- Brain Tumor)
- सिर की चोट
- इंटरा क्रेनियल एन्युरिज्म व कमजोर नसों का एन्युरिज्म
- मस्तिष्क और मेरुदंडीय संवहनी विकृतियाँ
- मेरू अर्बुद (स्पाइन ट्यूमर- Spine Tumor)
- मस्तिष्क/मेरूदंड की अपकर्षक/डिमाइलिनेटिंग बीमारियां
- मस्तिष्क, मेरू आघात
- मिर्गी
- चलने फिरने में विकार
- तंत्रिका संबंधी संक्रमण
- अभिघातजन्य रीढ़ की चोट
- मस्तिष्क ओक्लूसिव संवहनी रोग
- गयूल्लेन बेरें सिंड्रोम
- संकटकालीन स्थिति में मिस्थेनिया ग्रेविस (मेडिकल व सर्जिकल)
- वेंटीरेटरी खराबी सहित गंभीर पॉलीमायोसिटिस
- गंभीर अथवा असाध्य ऑटोइम्यून रोग
अंतस्राव विज्ञान
- जटिल मधुमेह के मामले जिसमें एक बार के उपचार की जरूरत होती है।
- जीएच कमी जैसे अंग विच्छेदन अथवा वृक्क प्रत्यारोपण अथवा रेसिल डिटेचमेंट आदि।
- अधिवृक्क अपर्याप्तता
- क्युसिंग सिंड्रोम
- एक वर्ष के लिए पोस्ट सर्जिकल उपचार के साथ अंतःस्रावी शल्य क्रिया
- उपापचयी अस्थि रोग/ रेनल प्यूबुलर एसिडोसिस
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मानसिक रोग
मानसिक विकृतियों हेतु एक बार अनुदान वाला अपेक्षित कोई भी उपचार जिसमें निम्रलिखित शामिल है:-
- आंगिक मनोविश्रेषण (तीव्र व पुराना)
- सिजोफ्रेनिया, बाई-पोलर विकार, भ्रम विकार और अन्य तीव्र बहुरूपी भ्रम सहित कार्यात्मक मनोविश्लेषण
- गंभीर ओसीडी, सोमाटोफार्म विकार
- शैशव काल में स्वलीनता प्रतिबिम्ब विकार और गंभीर व्यवहार विकार सहित विकासात्मक विकार
- मनोवैज्ञानिक निदान, न्यूरो साइकोलॉजिकल आकलन, बुद्धि आकलन, रक्त परिक्षण जैसे सिरम लिथियम और काबर्गमजेपीन, वालपोरेट, फेनाइटोइन और अन्य कोई समान औषधि का औषध स्तर
- पदार्थ और दुरुपयोग / टोकसीकोलोजी के लिए सीएसएफ़ अध्ययन जांच।
स्त्री रोग विज्ञान
प्रसवोत्तर रक्तस्राव हेतु यूटेराइन आर्टी एम्बोलाइजेशन
विविध
चिकित्सा अधीक्षक/डॉक्टरों की समिति द्वारा वित्तीय सहायता के लिए उपयुक्त समझी गई अन्य बड़ी बीमारियों/उपचार/नैदानिक कार्यकलाप हेतु अनुदान के लिए विचार किया जा सकता है।
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राष्ट्रीय आरोग्य निधि से मदद के लिए आवेदन कैसे करें?
- आरएएन के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए अनुरोध पर कार्रवाई करने के लिए इस मंत्रालय को निम्नलिखित जानकारी/दस्तावेजों की मूल प्रतियां भेजी जानी अपेक्षित हैं।
- मेडिकल रिपोर्ट, जहां आपका इलाज चल रहा है उस सरकारी अस्पताल के उपचार करने वाले चिकित्सक/विभागाध्यक्ष द्वारा विधिवत हस्ताक्षर/मुहर लगाई गई हो और जिसे चिकित्सा अधीक्षक द्वारा प्रति हस्ताक्षरित किया गया हो, के साथ संलग्र प्रपत्र में एक आवेदन पत्र भेजा जाए और सभी कालम पूर्णत: भरे गए होने चाहिए।
- रोगी/माता-पिता/परिवार के अन्य प्रमुख उपार्जक सदस्य का मासिक आय प्रमाण पत्र, जो ब्लाक/मंडल विकास अधिकार/तहसीलदार/एसडीएम/प्रशासक/नगरपालिका बोर्ड का विशेष अधिकारी/जिला अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया हो तथा जिसमें यह उल्लिखित हो कि लाभार्थी उनके अधिकारिता वाले क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है और आय स्रोत भी बताया जाए।
- पूरे राशन कार्ड की प्रति जिसके साथ उसका कवर-पृष्ठ, परिवार के सभी सदस्यों को शामिल किया गया विवरण हो और जो राज्य सरकार के खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किया गया होना चाहिए तथा किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा, अपनी मुहर, जिसमें अधिकारी का पदनाम और जहां वह कार्यरत है उस विभाग का नाम अंकित होना चाहिए, विधिवत सत्यापित होना चाहिए।
- यह उल्लेख किया जाता है कि दिशानिर्देश के पैरा (iv) की सीमा के अंतर्गत आने वाले मामले के सिवाय, जिन मामलों पर उपचार/आपरेशन पर पहले ही खर्च किया जा चुका है, वे मामले राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत प्रतिपूर्ति के लिए ग्राह्य नहीं हैं।
- निजी अस्पतालों में इलाज के मामलों पर विचार नहीं किया जाता है।
- आवेदन पत्र के सभी कालम समुचित रूप से भरे जाने चाहिए।
- उपर्युक्त जानकारी/कागजात के तत्काल मूल रूप में प्राप्त होने पर वित्तीय सहायता के अनुरोध पर तुरंत विचार किया जाएगा।
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संपर्क व्यक्ति
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अवर सचिव (अनुदान)
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय,
कमरा नं. 514-ए, निर्माण भवन नई दिल्ली-110011
टेलीफोनः 23061986/22061731
ई-मेल आई डी : so.grants-mhfw@nic.in
डिस्क्लेमर :
आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को इलाज के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि से आर्थिक मदद की योजना सम्बन्धी जानकारी सेण्ट्रल गवर्नमेण्ट हेल्थ स्कीम की वेबसाइट से जुटाई गयी है। योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को प्रदान करने के लिए यह पोर्टल तैयार किया गया है। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। इस योजना की जानकारी मौजूदा नियमों के हिसाब से है, इसमें किसी बदलाव के लिए Yojanagyan.com की जिम्मेदारी नहीं है।
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अशोक कुमार सिंह एक अनुभवी पत्रकार, लेखक, फोटोग्राफर हैं। कई दशकों तक हिन्दी के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संवाद लेखन और सम्पादन का कार्य करने के बाद अब Freelance Content Writer के रूप में कार्य कर रहे हैं।