खाद्य सुरक्षा योजना : गरीबों का हक मारने वालों पर कार्रवाई

राजस्थान की गहलोत सरकार ‘राशन की दुकान’ से गेहूं लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर सख्त

 ‘सस्ता गल्ला दुकान’ से गेहूं लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई।
‘सस्ता गल्ला दुकान’ से गेहूं लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई।

खाद्य सुरक्षा योजना : गरीबों का हक मारने वाले सरकारी कर्मचारियों से होगी 13 गुना वसूली

जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार ने गरीबों का हक मारने वाले सरकारी कर्मचारियों पर चाबुक चलाने का फैसला किया है। गहलोत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत (national food security scheme) पात्रता सूची में शामिल सरकारी कर्मचारियों पर एक्शन लेगी। राशन दुकान से उठाये गये अनाज के एवज में उनसे 13 गुना दर से वसूली होगी। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने राशि वसूलने के आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। इस योजना के तहत गरीबों को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से राशन दिया जाता है।

राज्य के कई जिलों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकारी कर्मचारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत (national food security scheme) गरीबों को सस्ती दर पर देने के लिए आये अनाज की पात्रता सूची में खुद के नाम शामिल करा लिये हैं। विधानसभा में भी ऐसी बातें उठी थीं।

खाद्य सुरक्षा योजना : गरीबों का गेहूं खाने वालों पर सरकार सख्त

अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ‘राशन की दुकान’ से गेहूं लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर सख्त हो गयी है। गरीबों का गेहूं खाने वाले सरकारी कर्मचारियों से राशि वसूली जायेगी। इसके लिए राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स को सख्त निर्देश दिये गये हैं। उनसे कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत पात्रता सूची में शामिल सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए।

खाद्य सुरक्षा योजना : वसूली गयी रकम बजट मद में जमा करायी जायेगी

जिन सरकारी कर्मचारियों ने खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत गेहूं प्राप्त किया है, उनसे प्राप्त किये गये गेहूं के विरुद्ध भारतीय खाद्य निगम की खरीद लागत, ढुलाई एवं विभागीय खर्चों के आधार पर राशि 27 रुपये प्रति किलोग्राम की दर वसूली जाए। वसूली की कार्रवाई पूरी कर प्राप्त राशि बजट मद में जमा कराई जाए। सभी जिला अधिकारी कार्रवाई से विभाग को अवगत कराएं। गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत (national food security scheme) पात्रता सूची में शामिल सरकारी कर्मचारियों पर एक्शन लेने का निर्णय लिया है।

गरीबों का गेहूं खाने वाले सरकारी कर्मचारियों से 13 गुना अधिक राशि वसूलेगी।
गरीबों का गेहूं खाने वाले सरकारी कर्मचारियों से 13 गुना अधिक राशि वसूलेगी।

…इनके लिए है खाद्य सुरक्षा योजना

सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में ऐसे लोगों को शामिल किया जाता है जिनके परिवार की आय एक लाख रुपये प्रति वर्ष से कम हो। इनके अलावा बीपीएल, अन्त्योदय, अन्नपूर्णा, भूमिहीन, बंधुआ मजदूर आदि के नाम खाद्य सामग्री योजना में शामिल होते हैं। इन्हें सरकार 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खाद्य सामग्री देती है।

इन श्रेेणियों के व्यक्ति कर सकते हैं आवेदन ( खाद्य सुरक्षा योजना राजस्थान पात्रता )

  1. अन्त्योदय परिवार
  2. बीपीएल परिवार
  3. स्टेट बीपीएल परिवार
  4. अन्नपूर्णा योजना के लाभार्थी
  5. ऎसे परिवार जो उपरोक्त योजनाओं में शामिल नही हैं तथा अग्रांकित योजनाओं/वर्गों में शामिल हैं, उन्हे खाद्य सुरक्षा का लाभ उपलब्ध कराया जाएगाः- ए. मुख्यमंत्री वृद्धजन, एकलनारी, विशेष योग्य जन सम्मान पेन्शन योजना बी. इन्द्रा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा पेन्शन योजना सी. मुख्यमंत्री निराश्रित पुर्नवास योजना डी. सहरिया एवं कथोडी जनजाति परिवार ई. कानूनी रूप से निर्मुक्त बंधुआ मंजदूर परिवार एफ. वरिष्ठ नागरिक जिनका स्वतंत्र राशन कार्ड हो तथा आयु सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पेन्शन योजना के निर्धारित आयु सीमा में हो बर्शते एक्सक्युलेशन (पात्र नहीं) शर्तो में न आते हों।
  6. मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष
  7. समस्त सरकारी हॉस्टल में अन्तवासी (समाज कल्याण जनजाति विभाग एवं सरकारी कॉलेज एवं स्कूलों के हॉस्टल)
  8. एकल महिलाएं
  9. श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक
    10 पंजीकृत अनाथालय एवं वृद्धाश्रम एवं कृष्ठ आश्रम
  10. कच्ची बस्ती में निवास करने वाले सर्व शिक्षित परिवार
  11. कचरा बीनने वाले परिवार
  12. शहरी घरेलू कामकाजी महिलाएं
  13. गैर सरकारी सफाई कर्मी
  14. स्ट्रीट वेन्डर
  15. उत्तराखण्ड त्रासदी परिवार
  16. पोर्टर (कुली)
  17. कुष्ठ रोगी एवं कुष्ठ रोग मुक्त व्यक्ति
  18. घुमन्तू व अर्द्धघुमंतु जातियां जैसे वन बागरिया गाड़िया लुहार, भेड़ पालक
  19. वनाधिकार पत्रधारी परम्परागत वनवासी,
  20. आस्था कार्डधारी परिवार
  21. अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 तथा संशोधित अधिनियम, 2015 के अन्तर्गत पीड़ित व्यक्ति
  22. एड्स (उपार्जित प्रतिरक्षा अभावजनित संलक्षण रोग) से ग्रसित व्यक्ति एवं उनका परिवार
  23. सिलिकोसिस रोग ग्रसित व्यक्ति एवं परिवार
    25 बहु-विकलांग एवं मंदबुद्धि व्यक्ति
  24. पालनहार योजना अन्तर्गत लाभार्थी बच्चे व पालनहार परिवार
  25. डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2015 के अन्तर्गत पीड़ित महिलाएं
  26. निसंतान वृद्ध दंपति,
  27. वृद्ध दंपति जिनके केवल दिव्यांग संतान है
  28. ट्रांसजेण्डर
  29. साइकिल रिक्शा चालक आदि।

खाद्य मंत्री मीणा ने दिये थे वसूली के संकेत

उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र के दौरान खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने साफ तौर पर संकेत दिये थे कि गरीबों का गेहूं खाने वाले सरकारी कर्मचारियों से राशि वसूली जायेगी। खाद्य मंत्री ने कहा था कि प्रत्येक जिले में खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत पात्रता सूची में शामिल सरकारी कर्मचारियों का पता लगा लिया गया है। अब गरीबों का राशन खा जाने वाले ऐसे कर्मचारियों से राशि वसूली जाएगी। यह वसूली कर्मचारियों के मासिक वेतन से की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा योजना : लम्बे समय से मिल रही थीं शिकायतें

दरअसल, खाद्य मंत्री रमेश मीणा के पास इस तरह की शिकायतें काफी लंबे समय से आ रही थीं। उन्हें बताया जा रहा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की पात्रता सूची में सरकारी कर्मचारी शामिल हैं, और वे योजना के तहत मिल रहे सस्ते राशन का लाभ उठा रहे हैं। सरकार ने सभी जिला कलेक्टर्स और जिला रसद अधिकारियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल सरकारी कर्मचारियों का पता लगाने के निर्देश दिये गये थे। अब सरकार को पास तथ्यात्मक जानकारी मिल गई है, जिसके बाद कार्रवाई करने की पूरी स्थितियां बन गयी हैं।

गंगानगर के चन्द उदाहरण

सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना में किस तरह सेंध लगा रहे हैं, इसको जानने के लिए गंगानगर कस्बे के तीन उदाहरण ही काफी हैं। इससे पता चलता है कि गरीबों को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खाद्य सामग्री देने की योजना किस तरह सरकारी कर्मचारियों के लालच का शिकार हो गयी है। सरकारी कर्मचारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर योजना की पात्रता सूची में अपने नाम शामिल करा लिये हैं और लाभ ले रहे हैं।

यहां क्ल‌िक कर देख सकते हैं राज्यस्तरीय पात्रता सूची में अपना नाम

दो सरकारी स्कूल में कार्यरत, एक पुलिस में

गरीबों को राहत देने के लिए चलायी जा रही योजना में सेंधमारी से गरीबों में खासा आक्रोश है। कस्बे के संतोष अग्रवाल, भीम सिंह, लक्ष्मण सिंह ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री रमेश मीणा को पत्र लिखकर शिकायत की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना पात्रता सूची में शामिल सरकारी नौकरी करने वाले श्यामलाल बैरवा पुत्र भरोसीलाल बैरवा की निष्पक्ष जांच की जाये। श्यामलाल बैरवा राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुरा में अध्यापक पद पर कार्यरत हैं। जिसका राशन कार्ड नंबर 200002223109 है।

इसी प्रकार दिलीप कुमार जाटव पुत्र रामचरण जाटव ने डीलर से केरोसिन उठाया है। यह व्यक्ति पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। इनका राशन कार्ड नंबर 200000576735 है। वहीं, एक अन्य सरकारी कर्मचारी का कार्ड नंबर 200000917294 है, जो वजीरपुर विद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने राशन डीलर से गेहूं उठाया है।

खाद्य सुरक्षा योजना : गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की मांग

लोगों ने मंत्री को भेजे पत्र मेंंसरकारी कर्मचारियों के नाम योजना से हटाने और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी। लोगों का कहना था कि सरकारी नौकरी करने वाले ही गरीबों के हक छीन कर स्वयं लाभ उठा रहे हैं। इस तरह गरीब तबके केलोगों के साथ न्याय नहीं पा रहा है।

खाद्य सुरक्षा योजना : पंचायत प्रशासन पर भी उठी उंगली

पीडि़तों ने आरोप लगाया है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी पंचायत प्रशासन और पंचायत समिति के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते। इससे गरीबों का हक मारने वाले कर्मचारियों की कारगुजारी आसानी से चलती जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया है कि यह सेंधमारी नहीं रोकी गयी तो गरीबों का भला कैसे होगा। इस संबंध में जिला कलेक्टर और रसद अधिकारी को भी सूचित किया गया था।

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