बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना : 115 रोगों का इलाज ‌सरकारी अस्पतालों में ही

आरएसबीवाई  |  एमएसबीवाई  |  संजीवनी सहायता कोष  |  मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना  |  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु  |  मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना  |  राज्य यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम  |  डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना Dr. Khubchand Baghel Health Support Scheme : Treatment of 115 diseases only in government hospitals
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

मुफ्त इलाज योजना में इन रोगों के ल‌िए निजी अस्पतालों को नहीं होगा भुगतान

छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में जिन रोगों का इलाज हो सकता है, उनका निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर भुगतान नहीं किया जाएगा। इन बीमारियों को सरकार ने निजी अस्पतालों की मुफ्त इलाज की योजना- डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना- से बाहर कर दिया है। सरकार का तर्क है कि सरकारी अस्पतालों में जिन रोगों के इलाज की पूरी व्यवस्था है तो उनके लिए निजी अस्पतालों को भुगतान क्यों करें। नयी योजना के अन्तर्गत दिल, किडनी और हड्डी के साथ-साथ लगभग हर गंभीर बीमारी का इलाज सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त किया जायेगा, इसलिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत इन बीमारियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं किया जायेगा।

बचत से सरकारी अस्पतालों में बढ़ेंगी सुविधाएं

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में स्मार्ट कार्ड के माध्यम से 650 करोड़ के बजट में आधे से ज्यादा राशि का भुगतान प्राइवेट अस्पतालों को किया जा रहा था। अब इसी बजट का उपयोग सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने में किया जाएगा। इसी दृष्टि से नये साल के पहले दिन से दिल का इलाज अम्बेडकर अस्पताल के साथ-साथ प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में एक साथ शुरू किया गया है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत सिजेरियन डिलिवरी भी सरकारी अस्पतालों में ही की जायेगी, जिसके लिए 18,500 रुपये का पैकेज रेट तय किया गया है। इनके साथ ही 113 अन्य बीमारियों का सरकारी योजना के तहत इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में होगा।

यह भी पढ़ें : 
दिव्यांग पेंशन (divyang-pension) योजना का ऐसे उठाएं लाभ, करें ऑनलाइन आवेदन

मुफ्त इलाज की आधी राशि ले जा रहे थे निजी अस्पताल

छत्तीसगढ़ में सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम के साथ डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना लांच कर दी गई है। इसमें सरकारी अस्पतालों में लगभग हर गंभीर बीमारी का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। ज्यादातर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होने के बावजूद मुफ्त इलाज योजना के बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा निजी अस्पतालों में चला जा रहा था।

छत्तीसगढ़ में 2030 से पहले ही सभी को स्वास्थ्य का अध‌िकार

हम हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार देने की कोशिश कर रहे हैं। यूनिवर्सल हेल्थ केयर एक व्यवस्था है। हेल्थ को लेकर हम कानून बनाने की दिशा में कदम उठा चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 2030 तक सभी को स्वास्थ्य का अधिकार देने का लक्ष्य है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में इसके पहले ही सभी नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करने वाला राज्य बन जायेगा। बेहतर विकल्प के तौर पर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल हो, इसके लिए हम सरकारी अस्पतालों को मजबूत कर रहे हैं।

– टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़

यह भी पढ़ें : 
कुसुम योजना : खाली जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर करें कमाई

Dr. Khubchand Baghel Health Support Scheme: Treatment of 115 diseases only in government hospitals
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत115 रोगों का इलाज ‌स‌िर्फ सरकारी अस्पतालों में क‌िया जायेगा।

स्वास्थ्य विभाग को बजट के अलावा मिलेंगे 650 करोड़ रुपये

पूरा बजट सरकारी अस्पतालों को मिले, इसलिए प्राइवेट अस्पतालों में कुछ बीमारियों को छोडकऱ शेष का इलाज बंद कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार कई प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन स्मार्ट कार्ड की स्कीम का गलत उपयोग कर केवल अपनी जेबें भर रहे थे। इस वजह से मुफ्त स्कीम की सुविधा होने के बावजूद लोगों को मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा था। सरकारी अस्पतालों में ऐसा नहीं होगा। यहां हर बीमारी का इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया जा रहा है। नये निषेधों से स्वास्थ्य विभाग को नियमित बजट के साथ ही मुफ्त इलाज योजना के 650 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। इससे अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था सम्बन्धी जो भी खामियां हैं, उन्हें दूर कर लिया जाएगा।

इन बीमारियों का इलाज होगा सरकारी अस्पतालों में

नई स्कीम के तहत कार्डियोलॉजी, ऑब्स एंड गायनी, सर्जरी, यूरोलॉजी, ऑर्थोपीडिक, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ईएनटी, पीडियाट्रिक से संबंधित 115 बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में शुरू कर दिया गया है। दिल से संबंधी बीमारी का इलाज एम्स, एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट एसीआई और नवा रायपुर में सत्य सांई संजीवनी में हो रहा है। अब तक आरएसबीवाई, एमएसबीवाई, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में 180 बीमारी ऐसी थीं, जिसका इलाज सरकारी अस्पतालों में होने के बावजूद मरीजों को प्राइवेट अस्पताल भेजा जा रहा था।

यह भी पढ़ें : 
उत्तर प्रदेश सरकार गाय मुफ्त में दे रही और पालने के लिए पैसे भी

बीमारी पैकेज
एएसडी डिवाइस क्लोजर 80 हजार रुपये
वीएसडी डिवाइस क्लोजर 80 हजार रुपये
पीडीए डिवाइस क्लोजर 60 हजार रुपये
एएसडी हार्ट सर्जरी 75 हजार रुपये
वीएसडी हार्ट सर्जरी 75 हजार रुपये
पीडीएस क्लोजर 50 हजार रुपये
ईएनटी टांसिलेक्टॉमी 22 हजार रुपये
सिजेरियन डिलीवरी 18.5 हजार रुपये

सरकारी अस्पतालों पर ज्यादा फोकस की वजह

आरएसबीवाई, एमएसबीवाई, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, राज्य यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में 115 बीमारियों के इलाज को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित करने की वजह साफ है। छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य निजी अस्पतालों में जा रहे सरकारी पैसे को कम करना है। इन पैसे से सरकारी अस्पतालों को सुविधा संपन्न बनाया जायेगा। सरकारी अस्पतालों में जिन बीमारियों के इलाज की 100 प्रतिशत गारंटी है, उन्हें आरक्षित किया जा रहा है। सूत्र की मानें तो सरकारी अस्पतालों के जनरल सर्जरी विभाग में डॉक्टर पर्याप्त हैं, लेकिन सर्जरी कम होती हैं। इसलिए मुफ्त इलाज की योजनाओं मेंं जनरल सर्जरी के 53 पैकेज को आरक्षित किया गया है। ऐसी बीमारियां भी सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आरक्षित की गयी हैं जो आपातचिकित्सा में नहीं आती हैं, जिनका ऑपरेशन/उपचार महंगा है, पर जिनमें कुछ इन्तजार किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : 
अटल पेंशन योजना : बढ़ सकती है पेंशन व निवेश की उम्र सीमा

प्राइवेट अस्पतालों में कई घपले

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना समेत सभी मुफ्त चिकित्सा योजनाओं में 115 बीमारियों को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित करने की वजह निजी अस्पतालों के घपले भी हैं। स्मार्ट कार्ड और मुफ्त इलाज की अलग-अलग स्कीम से प्राइवेट अस्पतालों में अब तक कई घपले सामने आ चुके हैं। 2012-13 में सबसे पहले गर्भाशय कांड फूटा था। स्मार्ट कार्ड से 12-14 हजार रुपये लेने के चक्कर में डाक्टरों ने सैकड़ों महिलाओं के ऑपरेशन कर गर्भाशय निकाल दिये। इसका भण्डाफोड़ होने के बाद 11 प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरों को एक-एक साल के लिए सस्पेंड किया गया। उसके बाद अलग-अलग जिलों में ऐसे घपले भी सामने आये, जिनमें मरीज का स्मार्ट कार्ड अस्पताल में रखकर फर्जी तरीके से पैसे निकाल लिये गये, जबकि इलाज हुआ ही नहीं। हाल ही में टेढ़े-मेढ़े दांतों के इलाज नाम पर भी बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

यह भी पढ़ें : 
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना का लाभ कैसे उठायें?

56 लाख स्मार्ट कार्डधारक

प्रदेश में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के 40 लाख स्मार्ट कार्डधारक है, जबकि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में स्मार्ट कार्डधारकों की संख्या 16 लाख है। इस तरह छत्तीसगढ़ में कुल स्मार्ट कार्डधारकों की संख्या 56 लाख है।

आर‌क्ष‌ित बीमार‌ियों के बारे में यह भी जानें

  • जनरल सर्जरी- हाईड्रोसिल, संक्रमित गोखरू, पैरों में सूजन, स्तन की गांठ, हर्निया। (इलाज के पैकेज 4000 से 30 हजार रुपए तक हैं।)
  • जनरल मेडिसिन- पेचिस, किडनी संबंधी दिक्कतें, मलेरिया, एचआईवी, न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर।(जिन बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में आसानी से उपलब्ध है, उनकी दरें शून्य कर दी गई हैं। इलाज के पैकेज अधिकतम 25,000 तक।)
  • कॉडियोलॉजी- एएसडी डिवाइज क्लोजर, वीएसडी डिवाइज क्लोजर, पीडीए डिवाइज क्लोजर, पीडीए क्वॉइल। ये सभी बीमारियां दिल के सूराख से संबंधित हैं। (इलाज के पैकेज 15,000 से 80,000 हजार तक)

यह भी पढ़ें : 
सुकन्या समृद्धि के नियम में बदलाव, मैच्योरिटी पर मिलेंगे 73 लाख रुपये

यहां देखें आरक्षित बीमारियों की सूची

सरकारी अस्पतालों में जिन बीमारियों का इलाज योजनातंर्गत होगा, उनकी सूची स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट में देख सकते हैं। अधिक जानकारी आरोग्य हेल्प-लाइन नंबर 104 से ली जा सकती है।

जल्द आ सकती है बीमारियों की दूसरी सूची

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने 172 बीमारियों के इलाज के पैकेज को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित किये जाने की बात कही थी। फिलहाल 115 रोगों के इलाज को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित किया गया है। यानी ऐसी 57 और बीमारियों दूसरी सूची जल्द आ सकती है, जिनका मुफ्त इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही किया जायेगा।

यह भी पढ़ें : 
इस खास स्कीम में हर माह लगाएं ₹200, पेंशन 72000 मिलेगी

डिस्क्लेमर : 
निराश्रित दिव्यांगजन के भरण-पोषण हेतु अनुदान (दिव्यांग पेंशन) योजना की जानकारी छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट से जुटाई गयी है। सामाजिक पेंशन योजनाओं के सुचारु एवं पारदर्शी संचालन के लिए यह पोर्टल तैयार किया गया है। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्ल‌िक‌ करें। इस योजना की जानकारी मौजूदा नियमों के हिसाब से है, इसमें किसी बदलाव के लिए Yojanagyan.com की जिम्मेदारी नहीं है।

शेयर करें

यदि आपको यह आलेख पसन्द आया हो और लगता है कि आपके अन्य दोस्तों को भी इस जानकारी से फायदा हो सकता है, उनकी जिन्दगी भी बदल सकती है (जिसके वे पूरे हकदार हैं) तो आप YojanaGyan.com की इस खबर का लिंक उनसे भी शेयर करें।

2 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *